Prime Minister of India "Shri N. Modi Ji" # भारत के प्रधानमंत्री - “श्री नरेन्द्र मोदी जी”
# भारत के तीसरी बार चुने गए प्रधानमंत्री-“श्री नरेन्द्र मोदी जी”
[भारत के लाल की लालकिले से
ललकार]
नमो-नमो
नरेन्द्र दामोदर दास ‘मोदी’ विश्व
प्रसिद्ध नाम जो दुनिया की तस्वीर बदलने का सामर्थ रखते हैं।
जिनके दुनिया भर में आज कई मिलियन्य फालोअर्स हैं। भारत देश की शान, देश की धड़कन, युवाओं के प्रेरणास्त्रोत,
150 करोड़ लोगों को एक कड़ी में पिरोये रखने की क्षमता वाले महानायक,
विश्व के लिए वरदान, युवासोच से प्रेरित,
माननीय प्रधानमंत्री जी श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में आज भारत का सिर गर्व से ऊँचा है। दुनिया को भारत के
सामर्थ की समझ है। ‘मोदी’ विश्व
प्रसिद्ध नाम है, एक पहचान है, एक शान है भारत
देश की। ऐसे सामर्थवान व्यक्तिव के धनी
महानायक को पाकर भारत मॉं गर्वान्वित महशूस
कर रही है, और भारत का प्रत्येक नागरिक तहे दिल से माननीय श्री
नरेन्द्रजी ‘मोदी’ को ‘मोदी’-‘मोदी’ - ‘मोदी’ - ‘मोदी’ - ‘मोदी’ के नारे लगाते हुए गर्व महसूस कर रहा है। युवा
भारत देश की धड़कन कहे जाने वाले इस युगपुरुष को शत-शत नमन है ……
प्रधानमंत्री
मोदी जी का जीवन एक प्रेरक कथा है, जो साधारण से असाधारण
की यात्रा को दर्शाता है। उनका जीवन भारतीय राजनीति और समाज पर गहरा प्रभाव डालने
वाला है। इस लेख में, हम उनके जीवन की महत्वपूर्ण घटनाओं और
उनकी यात्रा का विस्तृत विवरण प्रस्तुत
करेंगे।
श्री नरेंद्र
मोदी जी का जीवन संघर्ष और साधन-संपन्नता की कमी की कहानी है। उन्होंने अपनी युवा
अवस्था में विभिन्न कठिनाइयों का सामना किया और एक साधारण परिवार से प्रधानमंत्री
बनने तक की यात्रा की। उनकी यह कहानी प्रेरणादायक है और बहुत से लोगों के लिए
आदर्श है।.... (राजेश पाण्डेय)
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(1) प्रारंभिक
जीवन और शिक्षा
श्री नरेंद्र मोदी जी का
जन्म 17 सितंबर 1950 को गुजरात के वड़नगर
में हीराबेन मोदी और दामोदरदास मूलचन्द मोदी के एक मध्यम-वर्गीय में
हुआ। उनका साधारण मध्मवर्गीय परिवार था, और उनकी आर्थिक स्थिति भी दयनीय थी। श्री
नरेंद्र मोदी का प्रारंभिक जीवन एक चाय व्यापारी के परिवार में बीता। वे
छोटे-मोटे काम करके परिवार की मदद करते थे, और स्कूल के
साथ-साथ चाय की दुकान पर भी काम किया करते थे। वड़नगर के सरकारी स्कूल से अपनी प्रारंभिक शिक्षा
पूरी करने के बाद, मोदी ने 1967
में गुजरात विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में स्नातक की डिग्री
प्राप्त की।
(2) संघर्षमय जीवन
मोदी का परिवार 'मोध-तेली'
समुदाय से था, जिसे भारत सरकार द्वारा अन्य
पिछड़ा वर्ग के रूप में वर्गीकृत किया जाता है। वह पूर्णत: शाकाहारी हैं। युवावस्था
में वह छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में शामिल हुए | उन्होंने साथ ही साथ भ्रष्टाचार विरोधी नव निर्माण आन्दोलन में हिस्सा
लिया। एक पूर्णकालिक आयोजक के रूप में कार्य करने के पश्चात् उन्हें भारतीय जनता
पार्टी में संगठन का प्रतिनिधि मनोनीत किया गया।
अपने माता-पिता की कुल छ:
सन्तानों में तीसरे पुत्र नरेन्द्र मोदी थे । 13 वर्ष की आयु में नरेन्द्र की सगाई
जसोदा बेन चमनलाल के साथ कर दी गयी और जब उनका विवाह हुआ, तब वह मात्र
17 वर्ष के थे। "उन दोनों की शादी जरूर हुई परन्तु वे दोनों एक साथ कभी नहीं
रहे। शादी के कुछ बरसों बाद नरेन्द्र मोदी ने घर त्याग दिया और एक प्रकार से उनका
वैवाहिक जीवन लगभग समाप्त-सा ही हो गया।"
(3) राष्ट्रीय
स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़ाव
नरेंद्र मोदी का राजनीति और
समाज सेवा के प्रति झुकाव बहुत ही कम उम्र से ही था। उन्होंने 1960 के दशक में
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS)
के साथ जुड़कर समाज सेवा की दिशा में काम करना शुरू किया। उनके
सक्रिय कार्यों के कारण उन्हें जल्द ही संगठन में महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्त किया
गया।
(4) भारतीय
जनता पार्टी (BJP) में प्रवेश
1970 के दशक में, नरेंद्र
मोदी ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल होकर अपनी
राजनीतिक यात्रा शुरू की। उन्होंने पार्टी के विभिन्न पदों पर काम किया और संगठन
के मजबूत आधार के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मोदी ने पार्टी के युवा
मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में भी काम किया, जहां
उन्होंने पार्टी की विचारधारा और नीतियों को जन-जन तक पहुंचाने का काम किया।
एक वयस्क के रूप में मोदी की
पहली ज्ञात राजनीतिक गतिविधि 1971 में थी जब वे अटल
बिहारी वाजपेयी की अगुवाई में दिल्ली में भारतीय जनसंघ के सत्याग्रह
में शामिल हुए,
ताकि युद्ध के मैदान में प्रवेश किया जा सके। लेकिन इंदिरा गांधी की
अगुवाई में केन्द्र सरकार ने मुक्तिवाहिनी को खुला समर्थन नहीं दिया और मोदी को
थोड़े समय के लिए तिहाड़ जेल में डाल दिया गया। नरेन्द्र मोदी जी जब विश्वविद्यालय
के छात्र थे तभी से वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखा में नियमित जाने लगे थे।
इस प्रकार उनका जीवन संघ के एक निष्ठावान प्रचारक के रूप में प्रारम्भ हुआ|
(5) गुजरात का
मुख्यमंत्री पद
2001 में, जब गुजरात
में दंगे भड़क गए थे और राज्य की स्थिति गंभीर हो गई थी, तब
नरेंद्र मोदी को गुजरात का मुख्यमंत्री नियुक्त किया गया। इस समय उनकी
जिम्मेदारियों और चुनौतियों की मात्रा बहुत अधिक थी। उन्होंने कई महत्वपूर्ण
सुधारों की दिशा में काम किया, जिनमें विकास के विभिन्न
क्षेत्रों में सुधार, इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास और
भ्रष्टाचार पर नियंत्रण शामिल था। मोदी के नेतृत्व में, गुजरात
ने तेजी से विकास की दिशा में कदम बढ़ाए और राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूत किया।
(6) प्रधानमंत्री
पद की ओर बढ़ते कदम
2013
में, नरेंद्र मोदी को भाजपा का प्रधानमंत्री पद का
उम्मीदवार घोषित किया गया। उनकी प्रमुख चुनावी रणनीति ने भारतीय जनता को उनकी
विकासात्मक दृष्टि और प्रशासनिक क्षमताओं के प्रति विश्वास दिलाया। 2014 के आम
चुनावों में भाजपा की शानदार जीत और नरेंद्र मोदी की प्रधानमंत्री के रूप में
नियुक्ति ने भारतीय राजनीति में एक नई दिशा दी।
मोदी ने वाराणसी से
उम्मीदवार के रूप में लोकसभा चुनाव लड़ा। उन्होंने समाजवादी पार्टी की शालिनी यादव
को हराकर सीट जीती,
जिन्होंने सपा-बसपा गठबंधन को 479,505 मतों के
अंतर से हराया। गठबंधन के बाद दूसरी बार चुनाव जीतने के बाद मोदी को दूसरी बार
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन द्वारा सर्वसम्मति से प्रधान मंत्री नियुक्त किया गया,
अकेले भाजपा के साथ 303 सीटें जीतकर लोकसभा
में 353 सीटें हासिल कीं। भारत
के 15वें प्रधान
मंत्री के रूप में कार्यकाल प्रारंभ किया।
मोदी
ने लगातार तीसरी बार वाराणसी के उम्मीदवार के रूप में लोकसभा चुनाव लड़ा। उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) के अजय राय को हराकर 1,52,513 मतों के
अंतर से सीट जीती, जिन्होंने SP-INC गठबंधन
के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था। उनकी जीत का अंतर भारत में किसी भी मौजूदा
प्रधानमंत्री के लिए दूसरा सबसे कम (प्रतिशत अंक में) था। राष्ट्रीय जनतांत्रिक
गठबंधन ने कुल 292 सीटें हासिल कीं, जो साधारण बहुमत से 20
सीटें आगे थीं, और भाजपा ने अकेले 240 सीटें जीतीं। मोदी ने
लगातार तीसरी बार अपनी सरकार में विश्वास जताने के लिए मतदाताओं को धन्यवाद दिया।
प्रधानमंत्री बनने के बाद, नरेंद्र
मोदी ने कई महत्वपूर्ण योजनाओं और पहल को शुरू किया। उनकी प्रमुख योजनाओं में
स्वच्छ भारत अभियान, मेक इन इंडिया, प्रधानमंत्री
जन धन योजना, उज्ज्वला योजना, और
आयुष्मान भारत शामिल हैं। इन योजनाओं ने समाज के विभिन्न वर्गों को लाभ पहुंचाया
और विकास के नए आयाम स्थापित किए।
1. स्वच्छ भारत अभियान: इस योजना का
उद्देश्य भारत को स्वच्छ और गंदगी मुक्त बनाना है। इसके तहत, देश भर में
शौचालयों का निर्माण, कचरे की सही तरह से प्रबंधन, और स्वच्छता के प्रति जागरूकता फैलाना शामिल है।
2. मेक इन इंडिया: इस योजना का लक्ष्य भारत को
एक प्रमुख मैन्युफैक्चरिंग हब बनाना है। इसके तहत, विदेशी निवेशकों को आकर्षित
करने, औद्योगिक ढांचे को मजबूत करने, और
रोजगार के अवसरों को बढ़ाने की दिशा में काम किया गया।
3. प्रधानमंत्री जन धन योजना: इस योजना का
उद्देश्य सभी भारतीय नागरिकों को बैंकिंग प्रणाली से जोड़ना है। इसके तहत, गरीब और
वंचित वर्ग के लोगों को बैंक खातों की सुविधा प्रदान की गई, जिससे
वित्तीय समावेशन को बढ़ावा मिला।
4. उज्ज्वला योजना: इस योजना का उद्देश्य गरीब
परिवारों को मुफ्त एलपीजी कनेक्शन प्रदान करना है, जिससे वे लकड़ी और कोयले की
बजाय स्वच्छ ईंधन का उपयोग कर सकें।
5. आयुष्मान भारत: इस योजना का लक्ष्य गरीब और
कमजोर वर्ग के लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना है। इसके तहत, स्वास्थ्य
बीमा कवर प्रदान किया गया, जिससे इलाज की लागत में राहत
मिली।
(7) अंतरराष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण
योगदान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी छाप छोड़ी है। उनकी विदेश नीति ने भारत की
वैश्विक स्थिति को मजबूत किया है। उन्होंने कई प्रमुख देशों के साथ द्विपक्षीय
संबंधों को बेहतर बनाया और वैश्विक मंच पर भारत की आवाज को मजबूत किया। उनकी
नेतृत्व में भारत ने जलवायु परिवर्तन, वैश्विक सुरक्षा, और आर्थिक सहयोग जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर सक्रिय भूमिका निभाई।
• शपथग्रहण समारोह में समस्त
दक्षेस देशों को आमन्त्रण।
• ब्रिक्स सम्मेलन में नए विकास
बैंक की स्थापना।
• नेपाल यात्रा में पशुपतिनाथ
मन्दिर में पूजा।
• अमेरिका व चीन से पहले जापान
की यात्रा।
• पाकिस्तान को अन्तरराष्ट्रीय
जगत में अलग-थलग करने में सफल।
• जुलाई 2017 में इजराइल की यात्रा, इजराइल के साथ सम्बन्धों में
नये युग का आरम्भ।
(8) अनेक चुनौतियाँ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने कई प्रमुख सुधारों की दिशा में काम किया, लेकिन उनके कार्यकाल के दौरान कई चुनौतियाँ और आलोचनाएँ भी रही हैं। कुछ आलोचक उनके कार्यों की आलोचना करते हैं, विशेषकर नोटबंदी और जीएसटी जैसे आर्थिक सुधारों के संदर्भ में। इसके अलावा, सामाजिक मुद्दों और धर्मनिरपेक्षता को लेकर भी कुछ विवाद उत्पन्न हुए हैं।
(9) नरेंद्र
मोदी का आर्थिक दृष्टिकोण और सुधार
नरेंद्र मोदी के
प्रधानमंत्री बनने के बाद,
उनकी आर्थिक नीतियों ने देश के विकास की दिशा को नया मोड़ दिया।
मोदी सरकार ने कई महत्वपूर्ण आर्थिक सुधारों को लागू किया, जिनका
उद्देश्य भारत की अर्थव्यवस्था को प्रगति की राह पर ले जाना था। इनमें प्रमुख थे:
1. नोटबंदी (2016): 8 नवंबर 2016 को नरेंद्र मोदी ने
अचानक निर्णय लेते हुए 500 और 1000 रुपये के नोटों को चलन से बाहर कर दिया। इसका
उद्देश्य काले धन,
भ्रष्टाचार, और जाली मुद्रा पर अंकुश लगाना
था। हालांकि, इस कदम ने कुछ समय के लिए देश में आर्थिक
गतिविधियों को प्रभावित किया, लेकिन इसके दीर्घकालिक लाभों
की उम्मीद जताई गई।
2. गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST): 1 जुलाई 2017
को जीएसटी को लागू किया गया, जो देशभर में एक समान कर
प्रणाली को लागू करने का प्रयास था। यह कर प्रणाली व्यापार और वाणिज्य को सरल
बनाने और कर चोरी को कम करने के लिए बनाई गई थी। GST के तहत,
देश के विभिन्न राज्यों में एक ही कर व्यवस्था लागू की गई, जिससे व्यापार करने में आसानी हुई और कर प्रणाली को पारदर्शी बनाया गया।
3. डिजिटल इंडिया: मोदी सरकार ने डिजिटल
इंडिया के तहत देश में डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने की दिशा में कई कदम
उठाए। इसमें डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने, आधार कार्ड के माध्यम से पहचान को
सरल बनाने, और सरकारी सेवाओं को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाने
की योजनाएं शामिल हैं। इससे भ्रष्टाचार को कम करने और सरकारी कार्यों में पारदर्शिता
बढ़ाने में मदद मिली।
4. प्रस्तावित राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन (NIP): सरकार ने देश
की अवसंरचना को सुधारने के लिए राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन की योजना बनाई। इसके
तहत, सड़क, रेलवे, एयरपोर्ट, और अन्य महत्वपूर्ण अवसंरचनात्मक
परियोजनाओं को प्रोत्साहित किया गया, जिससे दीर्घकालिक
आर्थिक विकास को बढ़ावा मिला।
(10) सामाजिक सुधार और कल्याण योजनाएँ
नरेंद्र मोदी की सरकार ने सामाजिक सुधारों और कल्याण योजनाओं के माध्यम से
समाज के विभिन्न वर्गों को लाभ पहुंचाने का प्रयास किया। इनमें प्रमुख योजनाएं
निम्नलिखित थीं:
1. प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY): इस योजना का उद्देश्य गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों को सस्ते
और गुणवत्तापूर्ण आवास प्रदान करना है। इसके तहत, ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में रहने की सुविधाएं प्रदान की जाती हैं,
जिससे लोगों को अपनी खुद की छत मिल सके।
2. सुकन्या समृद्धि योजना: इस योजना का उद्देश्य लड़कियों के शिक्षा और विवाह के लिए
आर्थिक सहायता प्रदान करना है। इसके तहत, परिवार
अपनी बेटियों के भविष्य के लिए बचत कर सकते हैं और उन्हें शिक्षा के लिए वित्तीय
मदद प्राप्त होती है।
3. महिला सुरक्षा और सशक्तिकरण: महिलाओं के अधिकारों और सुरक्षा के प्रति नरेंद्र मोदी की
सरकार ने कई कदम उठाए। जैसे कि बेटी बचाओ, बेटी
पढ़ाओ योजना, जो महिलाओं के प्रति सामाजिक
भेदभाव को कम करने और उनकी शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए बनाई गई थी।
(11) नेतृत्व की विशेषताएँ
1. सक्रिय और ऊर्जा से भरा: नरेंद्र मोदी की सक्रियता और ऊर्जा उनकी कार्यशैली की
प्रमुख विशेषता है। वे लगातार कार्यरत रहते हैं और विभिन्न मुद्दों पर व्यक्तिगत
रूप से ध्यान देते हैं। उनका यह सक्रिय दृष्टिकोण और ऊर्जा उनके अनुयायियों और
समर्थकों को प्रेरित करती है।
2. प्रस्तावक और योजनाकार: मोदी ने कई नवाचारी योजनाओं और पहल की शुरुआत की। उनकी
नीतियों में हमेशा कुछ नया और अद्वितीय करने की चाह रही है। चाहे वह डिजिटल इंडिया
हो या मेक इन इंडिया, हर योजना में उन्होंने विशेष
रूप से कुछ नया पेश करने की कोशिश की।
3. प्रभावशाली संवादक: नरेंद्र मोदी अपने भाषणों और सार्वजनिक उपस्थिति के लिए जाने जाते हैं। वे
अपनी बात को प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करते हैं और जनता के साथ सीधे संवाद
स्थापित करते हैं। उनका संवाद और भाषण अक्सर प्रेरणादायक होते हैं और लोगों को जोश
और उत्साह से भर देते हैं।
4. धार्मिक और सांस्कृतिक सन्दर्भ: मोदी की नेतृत्व शैली में भारतीय संस्कृति और धार्मिक
मान्यताओं का भी महत्वपूर्ण स्थान है। उन्होंने भारतीय सांस्कृतिक धरोहर को सम्मान
देने और इसे बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं। इसके तहत, कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों और धार्मिक आयोजनों को समर्थन
मिला है।
(12) अंतर्राष्ट्रीय मंच पर
मोदी की भूमिका
नरेंद्र मोदी की सरकार ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी भारत की छवि को सशक्त
किया। उनकी विदेश नीति में कई महत्वपूर्ण पहल शामिल थीं:
1. "सर्वे भवन्तु सुखिनः" की विदेश नीति: नरेंद्र मोदी ने भारत की विदेश नीति को एक
व्यापक दृष्टिकोण से देखा, जिसमें सभी देशों के साथ अच्छे
संबंध बनाने पर जोर दिया गया। उनका मानना है कि अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और शांति के
लिए भारत को सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए।
2. आत्मनिर्भर भारत: कोविड-19 महामारी के बाद, मोदी सरकार
ने आत्मनिर्भर भारत की अवधारणा को प्रस्तुत किया, जिसका
उद्देश्य भारत को अपने संसाधनों और क्षमताओं के आधार पर आत्मनिर्भर बनाना था। इसके
तहत, स्थानीय उद्योगों और निर्माताओं को प्रोत्साहित करने की
योजना बनाई गई।
3. अंतर्राष्ट्रीय जलवायु नीति: नरेंद्र मोदी ने जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर भारत की
सक्रिय भूमिका को प्रमोट किया। उन्होंने पेरिस समझौते के प्रति भारत की
प्रतिबद्धता को दोहराया और सौर ऊर्जा जैसे नवीकरणीय स्रोतों को बढ़ावा देने के लिए
कई पहल कीं।
(13) भविष्य की दिशा और निष्कर्ष
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
का कार्यकाल भारतीय राजनीति और समाज पर एक गहरा प्रभाव डालने वाला है। उनके द्वारा
लागू की गई योजनाएँ और नीतियाँ देश के विकास के विभिन्न पहलुओं को छूने का प्रयास
करती हैं। उनके नेतृत्व में, भारत ने कई महत्वपूर्ण सुधार और परियोजनाओं को
लागू किया, जो भविष्य में देश के विकास के लिए आधार प्रदान
करेंगे।
हालांकि, उनके
कार्यकाल के दौरान कई चुनौतियाँ और विवाद भी सामने आए, लेकिन
उनकी दृष्टि और नेतृत्व ने भारतीय राजनीति को एक नई दिशा दी। आने वाले समय में,
उनकी नीतियों और योजनाओं के दीर्घकालिक प्रभाव देखने को मिलेंगे और
यह तय होगा कि वे भारतीय समाज और अर्थव्यवस्था के लिए कितने महत्वपूर्ण साबित होते
हैं।
नरेंद्र मोदी की यात्रा एक
प्रेरणा है कि कैसे दृढ़ता,
कार्यक्षमता और दूरदृष्टि के माध्यम से असाधारण परिणाम प्राप्त किए
जा सकते हैं। उनकी यात्रा और उपलब्धियाँ यह दर्शाती हैं कि किसी भी चुनौती का
सामना करके सफलता की ओर अग्रसर हुआ जा सकता है।
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Very informative article
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