mahanayak amitabh bachchan ki saphalata ka preranamayi path #महानायक अमिताभ बच्चन की सफलता का प्रेरणामयी पथ - inspirational indorian

Header Ads

mahanayak amitabh bachchan ki saphalata ka preranamayi path #महानायक अमिताभ बच्चन की सफलता का प्रेरणामयी पथ

महानायक अमिताभ बच्चन की सफलता का प्रेरणामयी पथ

mahaanaayak amitaabh bachchan

[सफलता की पराकाष्‍ठा - वास्‍तविक कहानी]

सदी के महानायक सदियों से महानायक, बिग बी, श्री अमिताभ बच्चन जी प्रेरणादायक शख्सियत की ऐसी तस्वीर किसी परिचय का मोहताज नहीं । देश और विदेशों में खूब चर्चे हैं इनके, सिनेमा, राजनीति हो, ब्लाग, टीवी सीरियल । 3 साल का नन्हा बालक भी इन्हें  पहचानता है । भारत की पांच पीढिंयां जानती हैं इनकों । इनके बारे में हम और क्या लिख सकते हैं, किसी भी पेन में इतनी स्‍याही ही नहीं जो इनका परिचय लिख सके और न ही किसी कम्‍प्‍यूटर के की बोर्ड में इतनी बटने हैं जो इनका जीवन परिचय लिख सके । कल्पना कीजिए 1000 कीबोर्ड में बटन होने के बावजूद भी उनकी उपलब्ध्यिों को लिखा नही जा सकेगा ऐसा मेरा मानना है, और मैं जब भी लिखने के लिए सोचना तो कहां से और किन शब्दों से इनका परिचय लिखूं मैंने अपनी तमाम कोशिशों से जो भी लेख लिख पाया वह सूरज को दीपक दिखाने जैसा ही है। हमारे लिए यह बड़े सौभाग्य की बात है, जो हमने इनके बारे में लेख लिखने का विचार किया है, ‘‘ये जहां खडे़ होते हैं लाइन वहीं से शुरू होती है’’, ऐसा मानकर मैं भी यही से लाइन लिखने की कोशिश करता हूँ, आप जो पढ़ना चाहते हैं, वह इसमें पूरी सिद्धत से संकलित किया गया है, आप लोगों को ये आलेख पढ़ने के बाद एक एनर्जी महसूस होगी, कुछ अलग करने का जज्‍बा पनपेगा ऐसा मेरा मानना है। और मैं अपना अच्‍छे से अच्‍छा पोस्‍ट लिखने की कोशिश करूंगा । - राजेश पाण्डेय

#Blog #Hindi #Success Story #Real Story  # Amit ji #Mahanayak #BigB #KBC Host # Shahanshah  #अमिताभ बच्चन

(1)    अमिताभ बच्चन, प्रारंभिक जीवन -

महानायक अमिताभ बच्चन की सफलता का प्रेरणामयी पथ

अमिताभ बच्चन का जन्म 11 अक्टूबर 1942 को इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश में हुआ। उनके पिता, हरिवंश राय बच्चन, हिंदी साहित्य के प्रमुख कवि थे, जबकि उनकी माँ तेजि बच्चन, एक सामाजिक कार्यकर्ता थीं। बचपन से ही बच्चन परिवार साहित्य और समाज सेवा के प्रति समर्पित था। श्री हरिवंश राय बच्चन एक अवधी हिंदू कायस्थ थे जो अवधी हिंदी और उर्दू में निपुण थे । श्री हरिवंश राय के पूर्वज भारत के वर्तमान उत्तर प्रदेश राज्य के प्रतापगढ़ जिले के रानीगंज तहसील के बाबूपट्टी नामक गाँव से आए थे । अमिताभ ने अपनी शिक्षा शेरवुड कॉलेज, नैनीताल से की है। बाद में दिल्ली विश्वविद्यालय के किरोड़ीमल कॉलेज में पढ़ाई की। उन्होंने 1962 में किरोड़ीमल कॉलेज से विज्ञान स्नातक की उपाधि प्राप्त की। जब बच्चन ने अपनी पढ़ाई पूरी की, तो उनके पिता पृथ्वीराज कपूर, पृथ्वी थिएटर के संस्थापक और कपूर अभिनय परिवार के पितामह से संपर्क किया। बच्चन अभिनेता बनने से पहले राजीव गांधी और संजय गांधी के मित्र थे । जब वे नई दिल्ली में रहते थे तो वे उनके साथ समय बिताते थे। बच्चन का परिवार राजनेताओं के नेहरू-गांधी परिवार के बहुत करीब था। बाद में थिएटर के माध्यम से उन्होंने फिल्म उद्योग में प्रवेश किया।

अमिताभ बच्चन का नाम भारतीय सिनेमा के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में लिखा गया है। वह एक ऐसे अभिनेता हैं जिन्होंने अपने करियर की शुरुआत में संघर्ष और असफलताओं को झेलते हुए सिनेमा की दुनिया में अपना एक विशेष स्थान बनाया। उनकी यात्रा एक प्रेरणादायक कहानी है, जो सिर्फ एक अभिनेता की नहीं बल्कि एक सच्चे कलाकार और सामाजिक कार्यकर्ता की भी है।

महानायक अमिताभ बच्चन की सफलता का प्रेरणामयी पथ

बदलाव जीवन का स्वभाव है, लेकिन चुनौती जीवन का उद्देश्य है। इसलिए हमेशा बदलाव को चुनौती दें, चुनौतियों को न बदलें                        - अमिताभ बच्चन

[अमिताभ ऐसे व्यक्तित्‍व का एक बेहतरीन उदाहरण हैं, जिन्हें पेशेवर जीवन में बार-बार पीछे धकेला गया, लेकिन फिर भी उन्होंने डटकर मुकाबला किया। वह हम सभी के लिए एक आदर्श रोल मॉडल हैं, न केवल उन लोगों के लिए जो फिल्म स्टार बनना चाहते हैं, बल्कि हममें से बाकी लोगों के लिए भी, ताकि हम उनसे सीख लेकर अपने जीवन में आने वाली मुश्किलों से लड़ने के लिए वही रवैया अपना सकें]

(2)    व्यक्तिगत पारिवारिक जीवन

बच्चन जी का विवाह 3 जून 1973 को अभिनेत्री जया भादुड़ी से हुआ है, और उनके दो बच्चे हैं;  श्वेता एक लेखिका, पत्रकार और अभिषेक, एक अभिनेता और निर्माता। अभिषेक ने अभिनेत्री ऐश्वर्या राय से विवाह किया, और उनकी एक बेटी आराध्या है। श्वेता की शादी व्यवसायी निखिल नंदा से हुई है, जो अभिनेता कपूर परिवार से राज कपूर के पोते हैं। उनकी एक बेटी नव्या नवेली और एक बेटा अगस्त्य है।

अमिताभ का परिवार महाराष्ट्र के मुंबई में रहता है। उनके छोटे भाई अजिताभ बच्चन एक व्यवसायी हैं। उन्होंने व्यवसाय किया और भारत लौटने से पहले कुछ समय के लिए लंदन में रहे। उन्होंने और उनके परिवार ने लाइमलाइट से दूर रहना पसंद किया। उनकी पत्नी रमोला एक फैशन डिजाइनर हैं और व्यवसाय में सक्रिय थीं। अजिताभ का एक बेटा भीम और तीन बेटियाँ नैना, नम्रता और नीलिमा हैं। नैना की शादी अभिनेता कुणाल कपूर से हुई है और उनका एक बेटा है।

(3)    'एंग्री यंग मैन' का उदय

अमिताभ बच्चन का करियर 1973 में फिल्म "ज़ंजीर" के साथ एक नई दिशा में मोड़ लिया। इस फिल्म में उन्होंने एक जुझारू पुलिस अफसर की भूमिका निभाई, जो उस समय के फिल्मों के पारंपरिक रोमांटिक नायकों से बिल्कुल अलग था। इस फिल्म ने उन्हें 'एंग्री यंग मैन' के रूप में स्थापित किया और भारतीय सिनेमा में एक नई लहर का संकेत दिया।

"ज़ंजीर" के बाद, अमिताभ बच्चन की सफलता की गाड़ी तेजी से दौड़ी। फिल्म "दीवार", "शोले", और "कभी कभी" जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्मों ने उन्हें एक अजेय सितारे के रूप में स्थापित किया। इन फिल्मों में उनकी भूमिकाएँ इतनी प्रभावशाली थीं कि उन्होंने भारतीय सिनेमा की धारा को ही बदल दिया। बिग बी  (Big B) नाम से मशहूर अमिताभ बच्चन ने 200 से अधिक फिल्मों में काम किया है।


(4)    बॉलीवुड के स्वर्णिम युग का हिस्सा

1970 और 1980 का दशक भारतीय सिनेमा के स्वर्णिम युग के रूप में जाना जाता है, और अमिताभ बच्चन इस युग के केंद्रीय सितारे थे। उनकी फिल्में न केवल व्यावसायिक सफलता प्राप्त करती थीं, बल्कि वे दर्शकों के दिलों में भी गहरी छाप छोड़ती थीं। अमिताभ बच्चन की फिल्में कई तरह की भावनाओं को छूने में सक्षम थीं। चाहे वह गंभीर ड्रामा हो या हल्की-फुल्की कॉमेडी, उनके प्रदर्शन में एक गहराई और सच्चाई थी जो दर्शकों को सीधे छू जाती थी। उनकी फिल्मों की कहानियाँ और पात्र आज भी लोगों के दिलों में जीवित हैं।

(5)    करियर का पुनरुत्थान

महानायक अमिताभ बच्चन की सफलता का प्रेरणामयी पथ

1990 के दशक के अंत में, अमिताभ बच्चन ने "मोहब्बतें", "बाग़बान" जैसी फिल्मों के साथ शानदार वापसी की, उनके करियर को एक नई दिशा दी। अमिताभ बच्चन का प्रभाव केवल फिल्मी दुनिया तक सीमित नहीं है। वे एक सक्रिय समाजसेवी भी हैं और कई महत्वपूर्ण चैरिटेबल संगठनों के साथ जुड़े हुए हैं। वे स्वास्थ्य, शिक्षा, और आपदा राहत जैसे विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रहे हैं और समाज के लिए एक प्रेरणास्पद उदाहरण प्रस्तुत कर रहे हैं।

साथ ही, डिजिटल युग में भी उन्होंने अपनी उपस्थिति को मजबूत रखा है। "कौन बनेगा करोड़पति" जैसे टीवी शो को होस्ट करने से लेकर सोशल मीडिया पर अपने फैंस से जुड़ने तक, अमिताभ बच्चन ने हर नए युग के साथ खुद को ढाला है। उनका सोशल मीडिया पर सक्रिय रहना और नई पीढ़ी के साथ संवाद करना उनकी अद्वितीयता को दर्शाता है।


(6)    फिल्‍मी कॅरियर और पुरस्‍कार

उन्होंने अपने करियर में कई पुरस्कार जीते हैं , जिसमें सर्वश्रेष्ठ अभिनेता श्रेणी में रिकॉर्ड चार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार और अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोहों और पुरस्कार समारोहों में कई पुरस्कार शामिल हैं। उन्होंने सोलह फिल्मफेयर पुरस्कार जीते हैं और सर्वश्रेष्ठ अभिनेता में 34 नामांकन और कुल मिलाकर 42 नामांकन के साथ वे फिल्मफेयर में किसी भी प्रमुख अभिनय श्रेणी में सबसे अधिक नामांकित कलाकार हैं। भारत सरकार ने उन्हें कला में उनके योगदान के लिए 1984 में पद्म श्री , 2001 में पद्म भूषण , 2015 में पद्म विभूषण और 2018 में सिनेमा के क्षेत्र में भारत के सर्वोच्च पुरस्कार, दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया। फ्रांस सरकार ने उन्हें सिनेमा की दुनिया और उससे परे उनके असाधारण करियर के लिए 2007 में अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान, ऑफिसर ऑफ द लीजन ऑफ ऑनर से सम्मानित किया।

भारतीय उपमहाद्वीप से परे, उन्होंने दक्षिण एशियाई प्रवासियों के साथ-साथ अफ्रीका (दक्षिण अफ्रीका, पूर्वी अफ्रीका और मॉरीशस ), मध्य पूर्व (विशेष रूप से यूएई और मिस्र), यूनाइटेड किंगडम, रूस, मध्य एशिया, कैरिबियन (गुयाना , सूरीनाम और त्रिनिदाद और टोबैगो 1999 में बीबीसी योर मिलेनियम ऑनलाइन पोल द्वारा बच्चन को "मंच या स्क्रीन का सबसे बड़ा सितारा" चुना गया था। अक्टूबर 2003 में, टाइम पत्रिका ने बच्चन को "स्टार ऑफ़ द मिलेनियम" करार दिया।

(7)    अमिताभ बच्चन की विरासत

अमिताभ बच्चन का भारतीय सिनेमा पर अनमोल योगदान है। उन्होंने न केवल फिल्मों में अपने अभिनय के लिए बल्कि भारतीय सिनेमा की कला और शैली को नया मोड़ देने के लिए भी सराहना प्राप्त की है। उन्हें कई पुरस्कारों और मान्यताओं से नवाजा गया है, जिनमें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार और फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड शामिल हैं। उनकी विरासत केवल उनकी फिल्मों तक सीमित नहीं है। वे एक प्रेरणादायक व्यक्तित्व हैं जिन्होंने अपनी जीवन यात्रा के माध्यम से यह साबित किया है कि सच्ची मेहनत और धैर्य से किसी भी चुनौती का सामना किया जा सकता है। अमिताभ बच्चन की कहानी एक सच्चे सितारे की है, जिनका प्रकाश भारतीय सिनेमा के आकाश में हमेशा चमकता रहेगा।

(8)    मानवीयता एवं सामाजिक उत्‍थान

बच्चन साहब कई सामाजिक कार्यों से जुड़े रहे हैं। उन्होंने आंध्र प्रदेश के लगभग 40 संकटग्रस्त किसानों का कर्ज चुकाने के लिए 1.1 मिलियन का दान दिया और विदर्भ के लगभग 100 किसानों का कर्ज चुकाने के लिए 3 मिलियन का दान दिया। 2010 में, उन्होंने कोच्चि में एक चिकित्सा केंद्र के लिए रेसुल पुकुट्टी की फाउंडेशन को 1.1 मिलियन का दान दिया, और उन्होंने दिल्ली के पुलिसकर्मी सुभाष चंद तोमर के परिवार को 250,000 दिए हैं। जिनकी 2012 विरोध प्रदर्शन के दौरान चोटों के कारण मौत हो गई थी। उन्होंने 2013 में अपने पिता के नाम पर हरिवंश राय बच्चन मेमोरियल ट्रस्ट की स्थापना की। यह ट्रस्ट, ऊर्जा फाउंडेशन के सहयोग से, भारत में 3,000 घरों को सौर ऊर्जा के माध्यम से बिजली प्रदान करेगा। जून 2019 में उन्होंने बिहार के 2100 किसानों का कर्ज चुकाया।

बच्चन जी को 2002 में भारत में पोलियो उन्मूलन अभियान के लिए यूनिसेफ सद्भावना राजदूत और 2005 में एक अंतरराष्ट्रीय राजदूत और 2017 में हेपेटाइटिस के बारे में जागरूकता के लिए डब्ल्यूएचओ सद्भावना राजदूत बनाया गया था। 2013 में, उन्होंने और उनके परिवार ने एक धर्मार्थ ट्रस्ट, प्लान इंडिया को 2.5 मिलियन (42,664 डॉलर ) का दान दिया, जो भारत में युवा लड़कियों की बेहतरी के लिए काम करता है। उन्होंने 2013 में महाराष्ट्र पुलिस कल्याण कोष में 1.1 मिलियन (18,772 डॉलर ) का दान भी दिया।

[सबसे अच्‍छी बात- वे शराब नहीं पीते और धूम्रपान नहीं करते']

धूम्रपान जानलेवा हो सकता है, इससे बचे।

(9)    निष्कर्ष

महानायक अमिताभ बच्चन की सफलता का प्रेरणामयी पथ पर चलते हुए उनका जीवन और करियर भारतीय सिनेमा का एक अमूल्य हिस्सा है। उनकी यात्रा ने उन्हें सिर्फ एक अभिनेता के रूप में नहीं, बल्कि एक समाजसेवी और प्रेरणादायक शख्सियत के रूप में भी स्थापित किया है। उनकी फिल्मों ने दर्शकों के दिलों में एक खास जगह बनाई है, और उनके सामाजिक कार्यों ने उन्हें एक आदर्श नागरिक के रूप में पेश किया है। अमिताभ बच्चन की कहानी एक आदर्श है, जो साबित करती है कि सच्ची मेहनत, लगन और समर्पण से किसी भी सपने को साकार किया जा सकता है। भारतीय सिनेमा की दुनिया में उनका योगदान अनमोल है और उनकी विरासत हमेशा जीवित रहेगी। 

कोई टिप्पणी नहीं

Blogger द्वारा संचालित.