aircraft maintenance engg | विमान रखरखाव इंजीनियरिंग - inspirational indorian

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aircraft maintenance engg | विमान रखरखाव इंजीनियरिंग

"उड़ान के लिए तैयार: विमान रखरखाव में अपना करियर शुरू करें!"

विमान रखरखाव इंजीनियरिंग एक विशेष क्षेत्र है, जिसमें योग्यता प्राप्त करने से पहले अभ्यास करने के लिए लाइसेंस और एक प्रशिक्षण कार्यक्रम की आवश्यकता होती है। भारतीय नागरिक उड्डयन उद्योग लगभग 22 बिलियन अमेरिकी डॉलर के आकार के साथ दुनिया के शीर्ष 10 में से एक है। इस प्रकार विमान रखरखाव इंजीनियरिंग में करियर बढ़ता जा रहा है। aircraft maintenance engg का करियर दिलचस्प, फायदेमंद और चुनौतीपूर्ण है और इसकी पढ़ाई कम समय में पूरी की जा सकती है।

aircraft maintenance engg

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विषय सूची

  • परिचय
  • विमान सुधारने के लिये प्रशिक्षित होते हैं, विमान maintenance इंजीनियर
  • AME द्वारा किये जाने वाले कार्य
  • विमान रख-रखाव इंजीनियरी की दो विधायें हैं
  • पाठ्यक्रम के लिये क्या है न्यूनतम योग्यता
  • क्या सिखाया जाता है पाठ्यक्रम के दौरान
  • भारत में स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के लिए संस्थानों की सूची
  • कहां-कहां मिल सकते हैं रोज़गार
  • पारिश्रमिक
  • निष्‍कर्ष
  • अक्‍सर पूछे जाने वाले प्रश्‍न
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परिचय

हवाई यात्री अपने गंतव्य-स्थान तक सुरक्षित पहुँच सकें तथा उनकी यात्रा सुगम और सुरक्षित हो, तो इसके पीछे विमान रख-रखाव इंजीनियरों का बहुत महत्‍वपूर्ण योगदान होता है। AME वे प्रोफेशनल्स होते हैं, जो एयरलाइंस के इंजीनियरिंग तथा रख-रखाव विभाग में कार्य करते हैं तथा एयरलाइन के लिए सुरक्षित तथा उड़ान योग्य विमानों की उपलब्धता सुनिश्चित करते हैं।

विमान रखरखाव इंजीनियरों को गणित और गणना में अच्छा होना चाहिए। उन्हें विमान के तकनीकी पहलुओं की जानकारी होनी चाहिए और उत्कृष्ट विश्लेषणात्मक कौशल होना चाहिए। चूँकि उन्हें विमान चालक दल और प्रबंधन के साथ समन्वय करना होता है, इसलिए उन्हें संचार में भी बहुत अच्छा होना चाहिए।

विमान सुधारने के लिये प्रशिक्षित होते हैं, विमान maintenance इंजीनियर

विमान रख-रखाव इंजीनियर, किसी विमान का निरीक्षण करने, उसमें समस्याओं का पता लगाने, तथा उसने पाई गई खामियों की जांच करने और विमान को सुधारने के लिए प्रशिक्षित होते हैं। यह कार्य उन्हें परिष्कृत विमान प्रणालियों जैसे वाणिज्यिक जेटों, सैन्य लड़ाकू विमानों या हेलीकॉप्टरों तथा अन्य प्रकार के विमानों पर कार्य करने के अवसर देते हैं। जबकि वैमानिक एवं एयरोस्पेस इंजीनियर मुख्य रूप से विमानों, इंजिनों तथा उपकरणों की डिजाइन, विनिर्माण तथा जांच के कार्यों से जुड़े होते हैं।

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विमान रख-रखाव इंजीनियर (ए.एम.ई.) विमान तथा उसके इंजिन, उसमें वैद्युत का कार्य करते हैं। किसी भी विमान के उड़ान भरने से पहले, विमान रख-रखाव इंजीनियर तथा विभिन्न विधाओं के इंजीनियरों का एक दल प्रमाणित करते हैं कि विमान उड़ान योग्य स्थिति में है या नहीं। उसका उपयुक्त रख-रखाव किया गया है और वह उड़ान भरने में सक्षम बनाया जाता है।

AME द्वारा किये जाने वाले कार्य

रख- रखाव में हवाई अड्डों, हैंगर्स एवं वर्कशॉप में खड़े विमानों की ओवरहालिंग, विमान के कल-पुर्जा को बदलना, जंग हटाना तथा टायरों, उपस्करों, व्हील फ्लैप्स की जाँच आदि कार्य शामिल होते हैं। विमान का निरीक्षण तथा परिशोधन करने के अतिरिक्त, मरम्मत, रख-रखाव, ओवरहॉल तथा दोष-निवारण सहित यांत्रिक कार्य भी करने होते हैं।
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हमारा भारत देश विकासशील देश से विकसित देश बनने की ओर तेजी से आगे बढ़ रहा है। सरकार की उदारीकरण नीतियों के कारण, नागर विमानन (सिविल एविएशन) का तेजी से विकास हो रहा है। कई प्राइवेट एयरलाइन्स जैसे जेट एयरवेज, इंडिगो एयरलाइन्स, स्पाइस-जेट आदि उड़ान भर रहे हैं और अच्छा उड़ान' राजस्व प्राप्त कर रहे हैं। यात्री एयरलाइन्स, मालवाहक विमानों, प्राइवेट हवाई टैक्सी ऑपरेटरों, व्यवसायिक एवं कार्पोरेट जेट्स की बढ़ती हुए मांग को पूरा करने के लिए विमान रख-रखाव इंजीनियरों की देश में भारी संख्‍या में मांग है।

विमान रख-रखाव इंजीनियरी की दो विधायें हैं

गौरतलब है कि विमान रख-रखाव इंजीनियर का एक तीन वर्षीय प्रशिक्षण कार्यक्रम है। यह पाठ्यक्रम सफलतापूर्वक पूरा करने वाले उम्मीदवारों को नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) लाइसेंस प्रदान करता है। विमान रख-रखाव इंजीनियरी (ए.एम.ई.) की दो विधाएँ हैं। यांत्रिक विधा तथा विमानन विधा। यांत्रिक - विधा में जेट एवं पिस्टन इंजिन तथा हल्के - एवं भारी विमान शामिल होते हैं। विमानन - विधा में रेडियो नेवीगेशन और वैद्युत तथा - इंस्ट्रुमेंट प्रणालियाँ शामिल होती हैं।

यांत्रिक - विधा किसी विमान के इंजिन, विमान के - ढाँचे तथा अन्य यांत्रिक प्रणालियों से जुड़ी होती हैं इसलिए यांत्रिक इंजीनियर इंजिनों की सविर्सिंग तथा ओवरहालिंग का कार्य देखते हैं। विमानन विधा वैद्युत तथा इलेक्ट्रॉनिक प्रणालियों, उपकरणों, रेडियो प्रणालियों आदि से संबंधित होती हैं और विमानन इंजीनियर वैद्युत तथा इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का रख-रखाव करते हैं।

पाठ्यक्रम के लिये क्या है न्यूनतम योग्यता

सबसे पहले यह समझना जरूरी है कि एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस इंजीनियरिंग कोई डिग्री या डिप्लोमा कोर्स नहीं बल्कि एक ट्रेनिंग प्रोग्राम है। यह प्रशिक्षण पूरा होने के बाद, नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) अभ्यास के लिए लाइसेंस जारी करता है।

विमान रख-रखाव इंजीनियरी पाठ्यक्रम करने के इच्छुक उम्मीदवार भौतिकी, रसायन विज्ञान तथा गणित में न्यूनतम 50 प्रतिशत अंकों के साथ 10+2 उत्तीर्ण होना चाहिए। इस पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए अधिकतम आयु सीमा 23 वर्ष निर्धारित है। उच्च आयु-सीमा उन युवाओं के लिए शिथिलनीय होती है, जिन्होंने भौतिकी रसायन विज्ञान एवं गणित सहित 10+2 परीक्षा के बाद इंजीनियरी में (किसी भी विधा में) में तीन वर्षीय डिप्लोमा पाठ्यक्रम या गणित विषय समूह से बी.एस.सी. पाठ्यक्रम पूरा किया हुआ है।

आवश्‍यक प्रमाणपत्र - प्रमाणन अमेरिका समेत अधिकांश देशों में अनिवार्य हो गया है, जहां संघीय विमानन प्रशासन (FAA) प्रमाणन को नियंत्रित करता है। FAA-प्रमाणित स्कूल आपको इन प्रमाणन परीक्षाओं को पास करने के लिए आवश्यक प्रशिक्षण देते करते हैं।

सुनिश्चित करें कि स्कूल मान्यता प्राप्त हो और FAA द्वारा अनुमोदित हो (यदि आप अमेरिका में हैं)। यह प्रमाणन और नौकरी की संभावनाओं के लिए महत्वपूर्ण है।

FAA प्रमाणित कैसे प्राप्त करें ?

FAA प्रमाणित होने के लिए, आपको लिखित, मौखिक और व्यावहारिक परीक्षा उत्तीर्ण करनी होगी जो विमान रखरखाव के सभी पहलुओं को कवर करती है। यह प्रमाणन उद्योग में अत्यधिक सम्मानित है और कई दरवाजे खोलता है।

क्या सिखाया जाता है पाठ्यक्रम के दौरान

विमान रख-रखाव इंजीनियरी के प्रशिक्षण के पहले वर्ष में विमान नियमों तथा विनियमों के बारे में बुनियादी जानकारी प्रदान की जाती है। दूसरे वर्ष में, छात्र सामान्य विमान इंजीनियरी और रख-रखाव सीखते हैं। पढ़ाए जाने वाले विषयों में एयरोडायनामिक्स या उड़ान का सिद्धांत, धातुकर्म, इलेक्ट्रॉनिकी तथा मशीन रूप में तथा विमान इंजिनों पर व्यावहारिक कार्य शामिल होते हैं।

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तीसरे वर्ष में अध्ययन विशिष्ट क्षेत्रों जैसे हल्के विमान, भारी विमान, पिस्टन इंजिन, जेट इंजिन अथवा हेलीकॉप्टर पर केंद्रित हो जाता है। कार्यक्रम के अंत में आपको विमान रख-रखाव का बुनियादी प्रशिक्षण प्रमाणपत्र दिया जाता है। इसके बाद नागर विमानन महानिदेशक प्रशिक्षण प्रमाणपत्र देता है। इसके बाद नागर विमानन महानिदेशक (डीजीसीए) द्वारा परीक्षा संचालित की जाती है, और उसके बाद आपको विमान की सर्विस करने का या वीएएमईएल लाइसेंस जारी कर दिया जाता है।

डीजीसीए से लाइसेंस प्राप्त करने के बाद किसी व्यक्ति को विमान के एक प्रकार पर विनियामक लाइसेंस अथवा अनुमोदन प्राप्त करना अपेक्षित होता है। यदि यह एयरवस या ब्रोइंग है, तो उस विशेष प्रकार के विमान की सर्विस के लिए एक वैयक्तिक लाइसेंस भी प्राप्त करना होता है।

वैकल्पिक रूप से, कोई भारत में किसी भी मान्यता प्राप्त इंजीनियरिंग कॉलेज से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में बीई/बी.टेक का विकल्प चुन सकता है।

भारत में स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के लिए संस्थानों की सूची

  • फ्लाई टेक एविएशन अकादमी, मारेडपल्ली वेस्ट, हैदराबाद 
  • अल्पाइन इंस्टीट्यूट ऑफ एरोनॉटिक्स, देहरादून 
  • हिंदुस्तान इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग टेक्नोलॉजी, चेन्नई 
  • मणिपाल एजुकेशन, दुबई 
  • राजीव गांधी एविएशन अकादमी 


कहां-कहां मिल सकते हैं रोज़गार

प्रशिक्षण सफलतापूर्वक पूरा करके डीजीसीए लाइसेंस प्राप्त करने वाले युवा हवाई अड्डों तथा विमान विनिर्माता या रख-रखाव फर्मों में एक आकर्षक वेतन वाला रोजगार प्राप्त करने के पात्र होते हैं। निजी क्षेत्र में जितनी अधिक एयरलाइंस उड़ान भरना प्रारंभ करेंगी, विमान रख- रखाव इंजीनियरों की माँग उतनी ही बढ़ती जाएगी।

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विमान रख-रखाव इंजीनियर या विमान मैकेनिक, विमान विनिर्माता या रख-रखाव फर्मों और हवाई अड्डों पर तत्काल रोजगार तलाश सकते हैं। इंजीनियर के रूप में वे हिन्दुस्तान एयरोनाटिक्स लिमिटेड, एयर इंडिया, बीएचईएल, डीआरडीओ, इंडियन एयर फोर्स, तटरक्षक बल तथा एयरलाइन उद्योगों में चमकीला रोजगार प्राप्त कर सकते हैं।

पारिश्रमिक

एक एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस इंजीनियर का सकल वेतन $40,000 प्रति माह से शुरू होता है और $70,000 रुपये प्रति माह तक जा सकता है। हालांकि, अनुभवी इंजीनियर को प्रति माह $150000 तक मिलते हैं।

निष्‍कर्ष

aircraft maintenance engg एक चुनौतीपूर्ण कैरियर है जिसमें उच्च मांग, नौकरी की सुरक्षा और विकास के अवसर हैं। यदि आप काम करने के लिए तैयार हैं, सही शिक्षा तथा प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं, और प्रमाणपत्र धारी हैं, तो आप उड़ान को सुरक्षित रखते हुए एक लंबे और सफल कैरियर का निर्माण कर सकते हैं।

अक्‍सर पूछे जाने वाले प्रश्‍न

प्रश्‍न 1. विमान रखरखाव तकनीशियन बनने के लिए मुझे किस योग्यताओं की आवश्यकता है?
उत्‍तर - विमान रख-रखाव इंजीनियरी पाठ्यक्रम करने के इच्छुक उम्मीदवार भौतिकी, रसायन विज्ञान तथा गणित में न्यूनतम 50 प्रतिशत अंकों के साथ 10+2 उत्तीर्ण होना चाहिए। इस पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए अधिकतम आयु सीमा 23 वर्ष निर्धारित है।

प्रश्‍न 2. क्या विमान रखरखाव एक अच्छा करियर विकल्प है?
उत्‍तर - विमान रखरखाव एक बहुत ही अच्‍छा करियर है, यह प्रतिस्पर्धी वेतन, नौकरी की सुरक्षा और उन्नति के अवसरों के साथ उच्च मांग वाला क्षेत्र बन गया है।

प्रश्‍न 3. FAA प्रमाणित होने में कितना समय लगता है?
उत्‍तर - FAA प्रमाणन में आमतौर पर 18 से 24 महीने लगते हैं, जो आपके प्रशिक्षण कार्यक्रम पर निर्भर करता है।

प्रश्‍न 4. विमान रखरखाव के लिए कौन से कौशल आवश्यक हैं?
उत्‍तर - मुख्य कौशल में तकनीकी ज्ञान, समस्या-समाधान, विवरण पर ध्यान देना और मजबूत कार्य नैतिकता शामिल हैं।

प्रश्‍न 5. विमान रखरखाव तकनीशियन के लिए वेतन सीमा क्या है?
उत्‍तर - प्रवेश स्तर का वेतन लगभग $40,000 से शुरू होता है, अनुभवी या विशेषज्ञ तकनीशियन प्रति वर्ष $70,000 से अधिक कमाते हैं। अनुभवी इंजीनियर को प्रति माह $150000 तक मिलते हैं।


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