virtual reality therapy | वर्चुअल रियलिटी थेरेपी
Largest Career No. 1 Virtual Reality Therapy In Worldविश्व का सबसे बड़ा करियर नंबर 1 वर्चुअल रियलिटी थेरेपी में
हाल में एक नया और उभरता हुआ क्षेत्र है वर्चुअल रियलिटी (वीआर) थैरेपी। यह करिअर उन छात्रों के लिए अच्छा ऑप्शन है जो मनोविज्ञान, स्वास्थ्य सेवाओं और तकनीक के संगम में रुचि रखते हैं। अगर आपने 12वीं कक्षा पूरी कर ली है और अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग कर मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों का समाधान करने में रुचि रखते हैं, तो आप VR थैरेपी करिअर के तौर पर चुन सकते हैं।
वीआर थैरेपी क्या है?
वर्चुअल रियलिटी थैरेपी में मरीजों को कंप्यूटर द्वारा बनाए गए सिमुलेटेड वातावरण में ले जाया जाता है ताकि वे अपने मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित समस्याओं जैसे चिंता, PTSD (पोस्ट-ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर), फोबिया और यहां तक कि क्रोनिक दर्द को मैनेज कर सकें। वीआर थैरेपिस्ट मरीजों को इन वर्चुअल वातावरणों में मार्गदर्शन देते हैं जिससे वे धीरे-धीरे अपनी समस्याओं का सामना करना सीखते हैं। उदाहरण के लिए, ऊंचाई से डरने वाले मरीज को एक VR सेटअप में धीरे-धीरे ऊंचाइयों का सामना कराया जाता है, ताकि उसका डर धीरे-धीरे कम हो सके।
देश में वीआर थैरेपी का स्कोप कितना है?
जैसे-जैसे भारत में मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरुकता बढ़ रही है, VR थेरेपी एक प्रभावी इलाज के रूप में लोकप्रिय हो रही है। मानसिक स्वास्थ्य के पेशेवरों की बढ़ती मांग और तकनीकी प्रगति को देखते हुए, आने वाले वर्षों में वीआर थैरेपिस्ट की मांग में बढ़ोतरी होने की संभावना है। भारत की तकनीकी क्षमता और मानसिक स्वास्थ्य क्षेत्र में बढ़ती जरूरतें इसे एक रोमांचक और विकसित हो रहा करिअर विकल्प बनाती हैं।
क्षेत्र की जरूरी स्किल्स क्या है?
- मनोविज्ञान और थैरेपी तकनीक की समझ: मानसिक स्वास्थ्य, परामर्श और उपचार विधियों का गहरा ज्ञान होना आवश्यक है।
- तकनीकी कुशलता: आपको VR सॉफ्टवेयर, डिजिटल इंटरफेस की अच्छी समझ होनी चाहिए। कंप्यूटर ग्राफिक्स और डिजिटल इंटरफेस की अच्छी समझ होनी चाहिए।
- कम्यूनिकेशनः मरीजों के साथ संवाद करना और उनकी समस्याओं को समझने की क्षमता होनी चाहिए।
- समस्या समाधान के कौशल: आपको मरीज की जरूरतों का आकलन कर उनके लिए सही VIR सत्र तैयार करना आना चाहिए।
पढ़ाई के अवसर
- 12वीं कक्षाः किसी भी स्ट्रीम से 12वीं कर सकते हैं, लेकिन अगर आप भविष्य में मनोविज्ञान में जाना चाहते हैं तो साइंस (बायोलॉजी के साथ) का बैकग्राउंड फायदा देगा।
- यूजीः आप साइकोलॉजी या सम्बंधित विषयों में यूजी कर सकते हैं जैसे BA या B.SC इन साइकोलॉजी।
- वीआर टेक्नोलॉजी में स्पेशलाइजेशनः अपनी डिग्री के साथ VR डेवलपमेंट, गेम डिजाइन या ह्यूमन कंप्यूटर इंटरैक्शन जैसे क्षेत्रों में सर्टिफिकेट कोर्स भी कर सकते हैं ताकि आपको वर्चुअल वातावरण के बारे में तकनीकी जानकारी हो।
- पीजीः यूजी के बाद आप क्लिनिकल साइकोलॉजी या काउंसलिंग साइकोलॉजी में मास्टर्स कर सकते हैं। कुछ विश्वविद्यालय VR थैरेपी पर विशेष रिसर्च या प्रोग्राम भी प्रदान करते हैं।
- सर्टिफिकेशनः कई संस्थान VR थैरेपी में विशेष सर्टिफिकेशन कोर्स प्रदान करते हैं, जिनमें VR टूल्स, सॉफ्टवेयर और उनके थैरेपी में उपयोग की जानकारी होती है।
पढ़ाई कराने वो संस्थान
- निमहांस, बेंगलुरुः यहां क्लिनिकल साइकोलॉजी में बीएससी व एमएससी कराया जाता है।
- क्राइस्ट यूनिवर्सिटी, बेंगलुरुः यहां साइकोलॉजी में बीएससी व क्लिनिकल साइकोलॉजी में एमएससी कराई जाती है।
- सिम्बायोसिस इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, पुणेः यहां वीआर टेक्नोलॉजी पर फोकस करते हुए सीएस में बीटेक कराया जाता है।
- सृष्टि इंस्टीट्यूट ऑफ आर्ट, डिजाइन और टेक्नोलॉजी, बेंगलुरु: B.Des और M.Des इन ह्यूमन-सेंटर्ड डिजाइन कोर्स उपलब्ध है।
किन सेक्टर्स में हैं रोजगार
- मेंटल हैल्थ क्लिनिकः अस्पतालों या निजी क्लीनिक में VR थेरेपिस्ट के रूप में काम कर सकते हैं।
- रीहैबिलिटेशन सेंटर्स: मरीजों को तनाव से उबरने में मदद करना।
- स्पोर्ट्स मेडिसिनः खिलाड़ियों को प्रदर्शन से जुड़ी चिंताओं को दूर करने में सहायता कर सकते हैं।
- रिसर्चः मानसिक स्वास्थ्य उपचार के लिए VR थेरेपी टूल्स और तकनीक का विकास और रिसर्च कर सकते हैं।
निष्कर्ष
VR थेरेपी के जरिए मरीज को मेंटल हेंल्थ का इलाज किया जाता है, तथा मरीज को तनाव से उबारने में ये VR थेरेपी सहायक है।
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